expr:class='data:blog.pageType' id='mainContent'>

ऑक्सिजन कंसेंट्रेटर क्या है और क्यों जरूरी है?


ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर क्या है और क्यों जरूरी है?


Oxigen Concentrator
                           

ऑक्सिजन कंसंट्रेटर एक मेडिकल डिवाइस है जो आसपास की हवा से ऑक्सिजन को एकत्र करके जमा करता है। एक स्वस्थ व्यक्ति को हर मिनट में 5 लिटर ऑक्सिजन की आवश्यकता होती है। इस माप के आधार पर डॉक्टर तय करते हैं कि मरीज को ऑक्सिजन की जरुरत है या नही।

महामारी की दुसरी लहर से देश की जनता जूझ रही है और करोना का कहर जहर बनता जा रहा है जिसकी वजह से तमाम राज्य ऑक्सिजन किल्लत का सामना कर रहे हैं। इस वजह से ऑक्सिजन सिलेंडर की कमी देखी जा रही है और मांग बहुत ज्यादा है।अब इसी कमी को दूर करने के लिए oxigen concentrator का सहारा लिया जा रहा है जिसके कारण इसकी मांग बढ़ गई है। इसका ज्यादा फायदा होम आइसोलेशन के मरीजों को होता है साथ ही अस्पतालों में भी उपयोग किया जा सकता है। जीवित रहने के लिए हमें लगातार oxigen की आवश्यकता होती है जो हमारे फेफड़ों से शरीर की विभिन्न कोशिकाओं तक जाती है। Covid-19 सांस से संबंधित रोग है जो हमारे फेफड़ों को प्रभावित करता है जिससे शरीर में ऑक्सिजन की मात्रा खतरनाक स्तर तक गिर जाती है, तब ऐसी स्थिति में ऑक्सिजन की निर्धारित मात्रा पहुंचाई जाती है और उसके लिए ऑक्सिजन सिलेंडर या ऑक्सिजन कंसंट्रेटर की आवश्यकता होती है।

ऑक्सिजन कंसंट्रेटर होम आइसोलेशन वाले मरीज को कितना फायदेमंद है?

जब तक अस्पताल में बिस्तर नही मिलता तब तक ऑक्सिजन कंसंट्रेटर फायदेमंद हो सकता है दुसरी तरफ इस बात पर भी निर्भर करता है कि मरीज के फेफड़े की हालत कैसी है। यदि बहुत खराब है तो तुरंत आंतरिक इलाज की आवश्यकता होगी। करोना मरीजों में उत्पन्न हुए न्यूमोनिया में 94% से कम ऑक्सिजन होने पर ऑक्सिजन कंसंट्रेटर का लाभ उचित होता है। बाकी आगे की जो भी समीक्षा है वो डॉक्टर देखकर निर्धारित करते हैं इसलिए डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए नही तो मरीज के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।

ऑक्सिजन कंसंट्रेटर कैसे काम करता है?

कंसंट्रेटर में ऑक्सिजन को रेग्यूलेट करने के लिए प्रेशर वाल्व लगे होते हैं। इसको लगातार काम करने के हिसाब से डिजाइन किया गया है जिससे लंबे समय तक ऑक्सिजन मिल सके। जरुरत पड़ने पर दूसरी और ट्यूब के साथ भी जोडजा सकता है। हवा में 78% नाइट्रोजन और 21% ऑक्सिजन गैस होती है। बाकी की गैसें 1% ही होती हैं। ऑक्सिजन कंसंट्रेटर हवा को अंदर लेकर उसे फिल्टर करता है। जिसमे वो नाइट्रोजन को वापस हवा में भेज देता है और बची हुई ऑक्सिजन को स्टोर कर मरीजों को देता है।

ऑक्सिजन कंसंट्रेटर 1 मिनट में कितनी ऑक्सिजन दे सकता है?

ऑक्सिजन कंसंट्रेटर अलग अलग क्षमता के हिसाब से होते हैं। छोटे पोर्टेबल ऑक्सिजन कंसंट्रेटर एक मिनट में 1 या 2 लिटर ऑक्सिजन देते हैं।

बड़े वाले ऑक्सिजन कंसंट्रेटर एक मिनट में 5 से 10 लिटर ऑक्सिजन सप्लाई करने की क्षमता रखते हैं।

कितनी शुद्ध ऑक्सिजन होती है?

इससे मिलने वाली ऑक्सिजन 90% से 95% शुद्ध होती है और यदि अधिक मात्रा में सप्लाई होती रहती है तो इसकी शुद्धता में गिरावट आ जाती है।

ऑक्सिजन को कैसे मापा जाता है?

शरीर में ऑक्सिजन का स्तर ऑक्सिजन सेचूरेसन के रूप में मापा जाता है जिसे संक्षिप्त में SPO 2 कहते हैं। यह रक्त में ऑक्सिजन ले जाने वाले हिमोग्लोबिन की मात्रा का माप है। सामान्य फेफड़ों वाले एक स्वस्थ व्यक्ति की धमनी में ऑक्सिजन सेचूरेसन 95% से 100% का होता है। पल्स ऑक्सीमीटर में SPO 2 94% या उससे कम दिखाये तो ऐसे मरीज को इलाज की जरुरत होती है और यदि SPO 2 90% से कम हो जाये तो इमरजेंसी इलाज की आवश्यकता हो जाती है।

ऑक्सिजन की आपूर्ति कैसे करते हैं?

इसमें भी वैसे ही ऑक्सिजन की आपूर्ति करते हैं जैसे ऑक्सिजन सिलेंडर या टैंक द्वारा किया जाता है। इसमें भी कैनूला, ऑक्सिजन मास्क या नाक में लगनी वाली ट्यूब के जरिये ही होता है। सिलेंडर खत्म होने पर बार बार रिफिल करना पड़ता है पर ऑक्सिजन कंसंट्रेटर 24×7 दिन लगातार काम करते हैं।

ऑक्सिजन कंसंट्रेटर करोना मरीजों के लिए कितना कारगर है?

हल्के और मध्यम लक्षणों वाले मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है जिनका ऑक्सिजन स्तर 85% या उससे अधिक हो।
गंभीर लक्षणों वाले मरीज के लिए कारगर नही है क्योंकी उन्हें एक मिनिट में 24 लिटर या उससे अधिक ऑक्सिजन की जरुरत होती है। लेकिन समय पर यदि कोई सुविधा प्राप्त नही हो पाती तब ऑक्सिजन कंसंट्रेटर द्वारा कुछ राहत पहुंचाई जा सकती है। जिन अस्पतालों में ऑक्सिजन सपोर्ट की व्यवस्था नही है वहां के लिए ये मशीन कारगर होती है।

कंसंट्रेटर के फायदे क्या हैं?

अगर आप कोरोना के मरीज हैं और होम आइसोलेशन में हैं तो यह एक अच्छा विकल्प है।
एक कंसंट्रेटर एक मिनट में 5 से 10 लीटर ऑक्सीजन सप्लाई कर सकता है।
इसे ऑक्सीजन सिलेंडर की तरह बार-बार रिफिल करने की जरूरत नहीं है।
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के अलावा किसी और डिवाइस की आवश्यकता नहीं है।
एक अच्छा कंसंट्रेटर लगातार 24 घंटे भी काम में लिया जा सकता है।
इसके ट्रांसपोर्ट और मेंटेनेंस का भी कोई खर्चा नहीं है।
बिजली न होने पर इसे इनवर्टर से भी चलाया जा सकता है।

कंसंट्रेटर के नुकसान क्या हैं?

कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए किसी काम का नहीं। उन्हें एक मिनट में लगभग 40 से 50 लीटर ऑक्सीजन के फ्लो की जरूरत होती है जो कंसंट्रेटर की क्षमता से पूरी नही कर सकती।
कंसंट्रेटर से जो ऑक्सीजन सप्लाई होती है, उसकी शुद्धता ज्यादा नही होती है। इसकी तुलना मेंं ICU में दी जाने वाली ऑक्सीजन 98% तक शुद्ध होती है।
ऑक्सीजन सिलेंडर की तुलना में यह महंगा विकल्प है। इसकी कीमत 40 हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक है।

ऑक्सीजन सिलेंडर और कंसंट्रेटर में क्या अंतर है?

हॉस्पिटल में ICU या वेंटिलेटर पर मरीजों को जो ऑक्सीजन दी जाती है वो हॉस्पिटल के बड़े टैंकरों में स्टोर होती है। इन टैंकरों से ये ऑक्सीजन मरीज के बेड तक पाइपलाइन से पहुंचती है। जिन हॉस्पिटल में ऑक्सीजन को स्टोर करने के लिए टैंकर नहीं हैं, वहां इन्हें छोटे सिलेंडर से मरीजों तक लाया जाता है।
ऑक्सीजन हॉस्पिटल में किसी प्लांट से भी पहुंचती है, जहां इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। 

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को आप छोटा और घरेलू ऑक्सीजन प्लांट मानिए। ये कंसंट्रेटर आपके अगल बगल की हवा को शुद्ध कर उसे मरीजों को देने लायक बनाता है।

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

फ्लो रेटः फ्लो रेट यानी कंसंट्रेटर से मरीज तक कितनी देर में कितनी ऑक्सीजन पहुंचेगी। फ्लो रेट जितना ज्यादा होगा, मरीज को उतनी ज्यादा ऑक्सीजन मिलेगी। एक अच्छे कंसंट्रेटर का फ्लो रेट 1 से 5 लीटर प्रति मिनट होना चाहिए यानी 1 मिनट में 1 से 5 लीटर ऑक्सीजन मरीज तक पहुंचना चाहिए। हर कंसंट्रेटर के लिए अपनी अलग क्षमता होती है।

पोर्टेबिलिटीः कंसंट्रेटर खरीदते समय ध्यान रखें कि उसे एक स्थान से दूसरे स्थान कितनी आसानी से ले जाया जा सकता है। कंसंट्रेटर इतना भारी न हो कि एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में परेशानी हो। दरअसल कंसंट्रेटर के वजन का सीधा-सीधा संबंध उसकी फ्लो रेट से भी है। कंसंट्रेटर की फ्लो रेट जितनी ज्यादा होगी उसका वजन भी उतना ही ज्यादा होगा। फिलहाल मार्केट में 5 किलो से हल्के वजन के कंसंट्रेटर भी मौजूद हैं।

ऑक्सीजन की शुद्धताः हॉस्पिटल में मरीजों को जो मेडिकल ऑक्सीजन दी जाती है उसकी शुद्धता 98% तक होती है, लेकिन कंसंट्रेटर से मिलने वाली ऑक्सीजन की शुद्धता 88% से 98% तक होती है। ऑक्सीजन की शुद्धता जितनी ज्यादा होगी कंसंट्रेटर उतना फायदेमंद होगा, लेकिन इससे कंसंट्रेटर की कीमत बढ़ जाएगी।

बिजली की खपत: कंसंट्रेटर की क्षमता के मुताबिक बिजली की खपत भी अलग-अलग होती है। ऐसा कंसंट्रेटर चुनें जो कम बिजली में भी चल सके। फिलहाल मार्केट में ऐसे कंसंट्रेटर मौजूद हैं जो इनवर्टर या कार की बैटरी से भी चलाए जा सकते हैं।

कैसे चुनें ऑक्सिजन कंसंट्रेटर?

ऑक्सिजन कंसंट्रेटर खरीदने से पहले इसके बारे में कई बाते जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। इसको खरीदने से पहले आपको इसके फ्लो रेट के बारे में जानना चाहिए। फ्लो रेट वह दर होती है, जिसपर ऑक्सिजन इस मशीन से मरीज तक पहुंचती है। कोरोना मरीज जब गंभीर सांस की समस्‍या से जूझ रहे होंते हैं तब उन्‍हें 1 से 5 लीटर प्रति मिनट फ्लो या 10 लीटर प्रति मिनट से अधिक फ्लो से 90 फीसदी ऑक्सिजन कंसंट्रेशन की आवश्‍यकता होती है। जब भी आप ऑक्सिजन कंसंट्रेटर खरीदें तो यह ख्याल रखें कि इसकी क्षमता आवश्‍यकता से अधिक होनी चाहिए। जैसे आपको 3.5 LPM की आवश्‍यकता है तो 5 LPM वाला ऑक्सिजन कंसंट्रेटर खरीदें।

ऑक्सिजन कंसंट्रेटर मशीन कितनी बडी होनी चाहिए ?

छोटे कंसंट्रेटर- यह अमूमन 5 से 10 किलोग्राम क्षमता के होते हैं। इनमें option होता है कि यह 1 लीटर से 9 लीटर तक oxigen फ्लो कर सकते हैं। इसमें 90 फीसदी oxigen कंसंट्रेशन तब ही मिलता है जब इसमें oxigen कम फ्लो हो. यानि 1 या 2 लीटर पर. यह कोरोना मरीजों के लिए ठीक नहीं है।

मीडियम कंसंट्रेटर- यह अमूमन 15 किलो से 19 किलोग्राम की क्षमता के होते हैं. इनमें कंप्रेशर भी होता है। यह आसानी से 1 लीटर से 5 लीटर के बीच 90 फीसदी oxigen दे सकते हैं। यह कोरोना मरीजों और गंभीर मरीजों के लिए कारगर होते हैं।

बड़े कंसंट्रेटर- यह करीब 20 किलो की क्षमता के होते हैं। इनमें बड़ा कंप्रेशर लगा होता है। यह 1 से 10 लीटर फ्लो पर 90 फीसदी oxigen मुहैया कराते हैं। इसमें एक मशीन से दो मरीजों को oxigen दी जा सकती है। ये कोरोना मरीजों और गंभीर मरीजों के लिए सही होता है।

ऑक्सिजन कंसंट्रेटर कितने तरह के होते हैं?

दो तरह के होते हैं कंसंट्रेटर हैं।
इनमें पहले होते हैं जो बड़ी मशीन होती है और वह स्‍थायी होते हैं. उन्‍हें यहां वहां नहीं ले जाया जा सकता है। यह अधिक oxigen supply करने के लिए बनाए जाते हैं। वहीं एक और कंसंट्रेटर पोर्टेबल होता हैं।‍ इन्हें कहीं भी लाया ले जाया जा सकता है. लेकिन यह कोरोना मरीजों के लिए ठीक नहीं होते हैं।

ऑक्सिजन कंसंट्रेटर की क्या कीमत है?

5 LPM स्‍टेशनरी ऑक्सिजन कंसंट्रेटर की कीमत 30 हजार रुपये से 65000 रुपये के बीच होती है।
8 LPM स्‍टेशनरी ऑक्सिजन कंसंट्रेटर की कीमत 66 हजार रुपये से 95 हजार रुपये के बीच होती है।
10 LPM ‍स्टेशनरी ऑक्सिजन कंसंट्रेटर की कीमत 70 हजार रुपये से 1.30 लाख रुपये तक होती है।
Pulse flow Portable Oxigen Concentrator की कीमत 1.60 लाख रुपये से 2.25 लाख रुपये तक होती है.
Pulse and continues flow Portable Concentrator की कीमत 1.80 लाख रुपये से 3.50 लाख रुपये तक होती है।







Oxigen Concentrator Machine on Rent.

इसके बारे में अपने अपने राज्य और शहर के हिसाब से आप को स्वयं पता करना होगा क्योंकि मौजूदा परिस्थितियों में इसकी सही जानकारी देना संभव नही है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad