expr:class='data:blog.pageType' id='mainContent'>

क्या है डबल म्यूटेंट वेरिएंट इंडिया पूरी जानकारी।

डबल म्यूटेंट वेरिएंट

सावधान double mutant covid variant घातक बन गया है।



Double mutant variant india इसको समझना होगा। वैक्सिन और वेक्सिनेशन से बचाव कैसे संभव है। करोना की रफ्तार क्यों तेज है ये जानना होगा। करोना से कैसे बचाव करें और वैक्सिन क्यों लगायें।

एक नजर..

द लेंडसेट की रिपोर्ट आई है कि करोना वायरस हवा से फैलता है।

वैक्सीन और दवा करोना से बचने की गारंटी नही देता है बल्कि सतर्कता और सावधानी इसका बचाव है।

हर छींक और खांसी करोना वायरस नही होता।

इस समय देश में करोना वायरस की दूसरी लहर देखने को मिल रही है। इसके मरीजों की संख्या भी लगातर बढ़ रही है। रोजाना एक लाख संक्रमित मरीज देखे जा रहे हैं। वैसे भी मौसम परिर्वतन की वजह से साधारण फ्लू लोगों में फैल रहा है इस वजह से करोना वायरस के लक्षणों पर ध्यान देना होगा ताकि समय पर उसका ईलाज संभव हो सके।

क्यों चिंताजनक है डबल म्यूटेंट वायरस?

जांच के प्रकार और कहां टेस्ट करा सकते हैं।

डबल म्यूटेंट वेरिएंट इंडिया.

वैक्सिन और वेक्सिनेशन से बचाव कैसे संभव है?

करोना के नये स्ट्रेन की खोज और लोगों द्वारा बढ़ती गई लापरवाही ने दुबारा इस वायरस को को बढ़ाने का काम किया है। मरीजों की संख्या कम होने का नाम नही ले रही है अभी 12 अप्रैल तक  15 लाख लोगों में यह वायरस एक्टिव पाया गया है। इस वजह से कई राज्यों में कई तरह की पाबंदियां लगाई जा रही है। लॉकडॉउन भी राज्य अपने हिसाब से घोषित कर रहें हैं।

केंद्र और राज्य सरकारें अपनी अपनी रणनीति बनाने में लगे हैं। कई जगह पर टेस्टिंग और ट्रेसिंग पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में लोगों के मन में भी अनेक तरह के सवाल उठ रहे हैं। स्वास्थ मंत्रालय के अनुसार यह वायरस तेजी से फैलता है इसलिए आने वाले 4 हफ्ते काफी महत्वपूर्ण हैं।

इस महामारी को बढ़ाने में सभी की भूमिका रही है चाहे वो जनता हो या राज्य केंद्र सरकार के नेता मंत्री सभी जिम्मेदार हैं। चुनाव की रैली उत्सव सार्वजनिक समारोह आदि सभी का योगदान है लोगों की लापरवाही प्रशासन की ढील ने करोना वायरस को उभारने का काम किया है। डॉक्टर लगातार संक्रमण बढ़ने की बात करते थे फिर भी उसकी अनदेखी की गई है।

करोना की रफ्तार क्यों तेज है?

इस बार कई मामले ऐसे हैं जिनमें कोविड-19 के मरीज मैं सभी लक्षण होते हैं पर जांच में नेगेटिव पाए जा रहे हैं जबकि जांच का सबसे अच्छा पैमाना आरटी पीसीआर को माना जाता है पर उसमें भी कुछ पता नहीं चल रहा है। पिछले कुछ दिनों में ऐसे मरीज देखे गए जिनमें बुखार खांसी सांस लेने की समस्या थी और जब फेफड़े का सिटी स्कैन किया गया तो उनमें कोविड के लक्षण दिखे। इसे मेडिकल की भाषा में पैची ग्राउंड ग्लास ओपेसटी कहा जाता है। कुछ मरीजों की जांच ब्रोनचोलिव्योलर (BAL) लैवेज के जरिए की गई। यह भी रोगों को पहचानने का एक तरीका है जिसमें एक लचीले पाइप के को एक निश्चित मात्रा में केमिकल के साथ मुंह या नाक के जरिये फेफड़े तक ले जाया जाता है और फिर उसकी जांच की जाती है जिसके बाद बीमारी की पहचान होती है। डॉक्टर के अनुसार जो जो कोविड 19 के मरीज पुराने टेस्टिंग में negetive पाये गये थे वे लैवेज (BAL) टेस्टिंग में positive पाये गये।

जिस तरह से ब्रिटेन ब्राजील साउथ अफ्रीका में कोविड़ 19 का नया वेरिएंट पाया गया ठीक वैसे ही भारत में भी इसकी पहचान कर ली गई है। 16 अप्रैल 21 को पहले के 24 घंटे में 1,185 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है और एक्टिव केस की संख्या 15,69,743 हो गई थी। वहीं देश में कोविड 19 से मरने वालों की संख्या 1,74,308 हो गई और संक्रमित हो चुके लोगों की संख्या बढ़कर 1,42,91,917 हो गई है।

जैसा कि पहले भी जिक्र हुआ बुखार और सूखी खांसी इस संक्रमण के आम लक्षण हैं। इसके अलावा मरीजों में थकान, सांस लेने में तकलीफ, गला खराब होना और बदन दर्द जैसे लक्षण भी देखे गए हैं तो अगर आप भी इनमें से कुछ या सभी लक्षण महसूस कर रहे हों तो आपको क्या करना चाहिए? विशेषज्ञों के मुताबिक इसके बाद आपको अपने आपको परिवार के बाकी लोगों से अलग-थलग करना होगा और डॉक्टरी परामर्श लेना होगा। अगर लक्षण हल्के हैं तो पैरासिटामोल और आईबूप्रोफेन जैसी आम दवाएं ली जा सकती हैं लेकिन जैसे ही संभव हो डॉक्टरी मदद लेना जरूरी है। अस्पताल जाने से पहले ऐसा ऑनलाइन भी किया जा सकता है।

आखिर में एक बात और ये सारे उपाय कोरोना वायरस से बचने या संक्रमण होने पर उससे उबरने की गारंटी नहीं हैं।

होम आइसोलेशन में क्या करें और कैसे बचाव करें 

इलाज को लेकर उठे सवालों के जवाब।





Double mutant variant india 

कोरोना वायरस का पूर्ण कारगर तरीके से अब तक कोई इलाज या वैक्सीन नहीं है इसलिए फिलहाल इसके लक्षणों को काबू में रखकर इसका इलाज करने की कोशिश की जाती है। अगर किसी व्यक्ति में इसके लक्षण विकट नहीं होते हैं तो वह कुछ दिनों में इससे अपने आप ही ठीक हो जाता है। ऐसे मामलों की संख्या लगभग 80 फीसदी होती है। बाकी लोगों को (लक्षणों के आधार पर) इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कर लिया जाता है। ऐसे में कोरोना वायरस से मुकाबले की तैयारी दो स्तरों पर की जा सकती है।इनमें से पहला अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को बढ़ाना है ताकि आपका शरीर इससे लड़ाई करने के लिए तैयार हो और दूसरा इस बात का इंतजाम करना है कि कोरोना वायरस का संक्रमण होते ही इसके लक्षणों को काबू में रखने के हमारे प्रयास भी चालू हो जाएं ताकि ये लक्षण इतने न बिगड़ें कि हमें अस्पताल या आईसीयू में दाखिल होना पड़े। इस समय अस्पताल में भर्ती होना बहुत मुश्किल है और महंगा भी है।

लेकिन कोरोना वायरस से संक्रमित ज्यादातर लोगों को इसका पता कई दिन बाद ही चल सकता है और तब तक उनमें से कुछ के लक्षण बिगड़ चुके होते हैं तो फिर क्या किया जाए?  अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ-साथ खान-पान और आदतों में कुछ ऐसी चीजें भी शामिल की जाएं जो कोरोना वायरस के लक्षणों को कम करती हैं और कुछ ऐसी चीजों को इनसे बाहर करें जो इन लक्षणों को विकट बना सकती हैं। ऐसा करने से कोरोना संक्रमित होने पर हमारा एक दिन भी खराब नहीं होगा और शुरू से ही हमारे लक्षणों का उपचार चलता रहेगा।उदाहरण के तौर पर जब तक कोरोना का प्रकोप है हम ठंडी चीजें खाना और पीना बंद कर सकते हैं क्योंकि संक्रमण होने पर जब इसके बारे में पता न चले और ठंडा खाते-पीते रहे तो यह हमारे लक्षणों को विकट कर सकता है और अगर हम कुछ दिनों के अंतराल पर बिना जरूरत के भी भाप लेते रहें तो यह हमारे श्वसन तंत्र को हमेशा साफ-सुथरा रखेगा। ऐसे में संक्रमण होने पर हमें श्वसन तंत्र से जुड़ी परेशानियों से कम जूझना पड़ेगा।

कोरोना वायरस भारत और दुनिया के दूसरे देशों में तेजी से बढ़ रहा है। आज भी तमाम लोग इस गलतफहमी में जी रहे हैं, कि उन्हें कोरोना नहीं हुआ लेकिन ऐसा नहीं है। कोरोना ने किसी न किसी रूप में हर व्यक्ति को प्रभावित किया है। बस फर्क इतना है कि किसी को यह वायरस बुरी तरह संक्रमित कर गया तो किसी को लक्षणों के बाद भी पता नहीं चला कि उन्हें कोरोना कब हो गया यानि की लोगों को कोरोना तो हुआ, लेकिन उन्हें इस बात की भनक तक नहीं लगी। इन लोगों ने एक या दो दिन तक केवल हल्के सर्दी-जुकाम या बुखार का अनुभव किया और जल्दी ठीक भी हो गए। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे बहुत से लेाग हैं, जो पहले से ही संक्रमित थे, लेकिन बेहतर इम्यूनिटी के कारण कोरोना इन्हें छू कर निकल गया।

केवल बुखार आना कोविड का प्रमुख संकेत नहीं है बल्कि जो व्यक्ति संक्रमण के साथ बुखार से पीडि़त है या जिसके शरीर का तापमान 99-103 है तो मान लीजिए वो कोरोना संक्रमित हो चुका है। यह तापमान तीन से चार दिन तक बना रह सकता है। हो सकता है यह आपको ठंड और कंपकपी के साथ आए। यदि किसी व्यक्ति को अपनी पीठ या छाती पर गर्माहट लगे, तो इसे कोविड का संकेत माना जा सकता है।

बता दें कि कोविड -19आपके दिल पर भी बुरा असर डाल सकता है। अगर आपको सीने में जकडऩ हुई हो, तो हो सकता है आप कोरोना की गिरफ्त में आए हो। इस तरह की स्थिति दो सप्ताह या ज्यादा गंभीर लोगों में 6 सप्ताह तक बनी रहे, तो ध्यान देने की जरूरत है।

यदि आपको कभी भी किसी भी पल सांस लेने में कठिनाई आई हो, तो इसका मतलब है कि आप कोविड की गिरफ्त में हैं। सांस से जुड़ी तकलीफ वायरल संक्रमण से जुड़ी सामान्य जटिलता है। इससे पीडि़त होना भी कोविड-19 होने का संकेत है।

खांसी कोरोना वायरस के सबसे प्रमुख लक्षणों में से एक है। यदि आपको सूखी खांसी है, जो ठीक होने में समय लगा रही है, तो यह कोविड-19 का लक्षण हो सकता है। यह सर्दी की वजह से होने वाली खांसी से थोड़ी अलग है। हो सकता है शुरूआत में आपको हल्की खांसी हो, लेकिन अगर ये 5-7 दिनों तक बनी रहे, तो समझ लीजिए कि आप कोरोना से गुजर चुके हैं और आपको पता भी नहीं चला।

सर्दियों में ठंड लगना असामान्य है। लेकिन अगर आपको 2019 के अंत में और 2020 की शुरूआत में यह लक्षण महसूस हुआ, तो संभव है आपको कोरोना हो चुका हो। ये जानने का सबसे अच्छा तरीका है कि कोविड लगभग दो सप्ताह या इससे ज्यादा समय तक रहता है। जबकि अगर आपको केवल ठंड लगी हो, तो आमतौर पर यह एक या दो दिन में ठीक हो जाती है। ठंड के विपरीत कोविड बुखार का कारण बन सकता है।

वैसे तो कई तरह के वायरल इंफेक्शन में आंखें लाल हो जाती हैं और इनमें दर्द भी होता है। लेकिन कोविड महामारी के दौरान अक्सर हमें अपने हाथ धोने और बार-बार आंखों को छूने से बचने की सलाह दी जाती थी। इसका एक कारण यह है कि कोविड-19 आपकी आंखों को प्रभावित कर सकता है। यदि आपको कंजेक्टिवाइटिस , आंखों में पानी आना और धुंधलापन लगे, तो संभावना है कि यह स्थिति वायरस के कारण बनी हो।

करोना पॉजिटिव होने पर क्या करें?

कुछ घरेलू जानकारी का करोना मरीज पालन करें।

करोना से संबंधित उसकी मुख्य बातें।

अभी तक बच्चों और युवाओं में उल्टी दस्त डायरिया की शिकायत मिल रही है। अभी तक मरने वालों में सबसे अधिक सांस की बीमारी या सांस की कमी होने से लोगों की मौत हुई है। अगर ऑक्सीजन लेवल घट रहा है तो वह खतरे का संकेत है।

करोना महामारी ने दूसरी लहर के दौरान भारत के पिछले साल के सारे रिकार्ड तोड़ दिए है। पिछले कुछ दिनों से बड़ी संख्या में ऐसे लोगों में भी करोना संक्रमण की पुष्टि हुई जिनको न कभी बुखार आया और न कभी सर्दी जुखाम हुआ। ऐसे लोग बदन दर्द पेट दर्द सिर दर्द की शिकायत लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे। जब उनका आरटी पीसीआर टेस्ट हुआ तो पता चला करोना से संक्रमित हैं। इसलिए डायरिया बदन दर्द को नजर अंदाज न करें। 40% लोग पेट दर्द उल्टी दस्त डायरिया बदन दर्द में करोना पॉजिटिव पाए गए हैं। अभी तो लोग घरेलू नुस्खे आजमाते हैं और डॉक्टर के पास जाने से बचते हैं। जब ज्यादा हो जाता है तब डॉक्टर के पास जाते हैं।

डॉक्टरों का कहना है कि करोना की दूसरी लहर बहुत उच्च संचरण दर के साथ आगे बढ़ रहा उस हिसाब से मृत्यु दर कम है। वहीं दूसरी ओर खास बात यह है कि पिछली लहर के दौरान ज्यादातर करोना संक्रमण के शिकार 55 से 60 साल के ऊपर के व्यक्ति थे पर इस बार 20 से 50 साल के अंदर के युवा वर्ग को निशाना बना रहा है। उसकी वजह यह भी समझ सकते हैं कि युवा अपने काम धंधे को करने अधिकतर घर से बाहर निकलता है।

डॉक्टरों के अनुसार अब वायरस के स्ट्रेन में संक्रमण की गति को बढ़ाने वाले म्यूटेशन हैं यह शरीर के A2 रिसेप्टर को आसानी से पकड़ रहा है। नये लक्षण और टेस्ट कराने में देरी घातक सिद्ध हो रहा है। दूसरी लहर के चपेट में 4 गुना बच्चे और युवा शामिल हैं। रायपुर में 1 अप्रैल से 10 अप्रैल के बीच 825 बच्चों में करोना संक्रमण की पुष्टि हुई और उनकी उम्र 10 वर्ष की थी। 11 से 20 साल के बच्चों में 1994 संक्रमित मामले मिले थे।

प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना क्या जरुरी होता है?

आशा करता हूं ये पोस्ट आपको पसंद आयेगी और आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगी किसी भी प्रकार की कोई राय या सुझाव हो तो कमेंट बॉक्स में लिखें और अपने जानने वालों को शेयर करें।


इसे भी पढ़े:

Carona update in india खास जानकारी मालूम करें।


✍️ Vijay Tiwari

    

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad