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CDS जनरल विपिन रावत।

देश के पहले CDS थे जनरल बिपिन रावत, पिता से मिली बहादुरी और देशभक्ति का जज्बा।

CDS जनरल विपिन रावत की मौत का कारण और उनका जीवन परिचय।
जनरल विपिन रावत की फोटो

जनरल विपिन रावत 1978 को भारतीय सेना में कमीशन हुए और उन्होंने 43 वर्ष की सैन्य सेवा में देश के सर्वोच्च मिलिट्री रैंक तक का सफर तय किया।

जनरल विपिन रावत के बारे में जानने से पहले दुर्घटना के बारे में जानकारी ले लें। 8 दिसम्बर 2021, तमिलनाडु में कुन्नूर के पास भारतीय वायुसेना का एक हेलीकॉप्टर (एमआई -17 वीएच हेलिकॉप्टर) 63 वर्षीय चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में शामिल सभी चौदह में से 13 की मौत की पुष्टि की गई। हादसे से जुड़ी जो फुटेज सामने आई हैं उनमें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हेलीकॉप्टर से आग की लपटें उठती नजर आ रही थी। हेलीकॉप्टर के इंसानी बस्ती से दूर दुर्घटनाग्रस्त होने से एक बड़ी त्रासदी होने से हालांकि बच गई। फुटेज में भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर के जले हुए टुकड़े बिखरे नजर आ रहे थे। शवों को तमिलनाडु के वेलिंगटन के सैन्य अस्पताल ले जाया गया। यह हादसा तब हुआ जब दुर्घटनास्थल हेलीपैड से लैंड करने के लिए करीब 10 किलोमीटर दूर था। बता दें कि  शाम को बिपिन रावत एक कार्यक्रम में भाग लेते, जिसमें वो कैडेट्स से बातचीत करने वाले थे। हादसे के घायल होने के बाद जनरल बिपिन रावत को घायल अवस्था में हॉस्पिटल ले जाया गया था जहां उनके मृत होने की पुष्टी हुई। शुरुआती जानकारी के मुताबिक यह हादसा खराब मौसम की वजह से हुआ। गंभीर रूप से जख्मी हुए लोगों को वेलिंग्टन बेस के सैन्य अस्पताल पहुंचाया गया है। बता दें कि सीडीएस बिपिन रावत अपनी पत्नी के साथ ऊटी में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने जा रहे थे। सेना और वायुसेना की टुकड़ियां पुलिस के साथ रेस्क्यू के लिए पहुंच गई और आसपास के इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया। बता दें कि भीषण हादसे का शिकार हुआ यह हेलीकॉप्टर दो इंजन वाला MI सीरीज का था। तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार दोपहर करीब 12 बजकर 20 मिनट पर उनका हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। उसमें जनरल रावत की पत्नी मधुलिका रावत समेत सेना के 14 लोग सवार थे। इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई है, जबकि एक गंभीर रूप से घायल है। पहले ये खबर आई कि हादसे में घायल हुए कुछ लोगों को गंभीर हालत में वेलिंगटन के मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया। जहां से करीब साढ़े पांच घंटे तक खबर आती रही कि जनरल रावत और उनकी पत्नी समेत कुछ अफसर बुरी तरह घायल हुए हैं, लेकिन फिर बारी-बारी से मौत की खबर आने लगी।
 
भारतीय वायुसेना ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की कुन्नूर के पास हुए हेलीकॉप्टर हादसे में CDS जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य लोगों की मौत हो गई है। वायुसेना ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, ‘‘बहुत ही अफोसस के साथ इस खबर की पुष्टि हुए कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत, श्रीमती मधुलिका रावत और 11 अन्य की मृत्यु हो गई है।’’ इस स्तिथि को देखते हुए वायुसेना के द्वारा जाँच का आदेश दिया गया, एमआई -१७वीएच हेलिकॉप्टर कोयंबटूर में सुलूर आईएएफ स्टेशन से उड़ान भरी थी।
 
चश्मदीद बोले- आग का गोला बन गया था हेलिकॉप्टर
चश्मदीदों के मुताबिक हादसे से पहले बहुत तेज आवाज सुनाई दी। हेलिकॉप्टर पहले पेड़ों पर गिरा। इसके बाद उसमें आग लग गई, वो आग का गोला बन गया था। एक और चश्मदीद का कहना है कि उसने जलते हुए लोगों को हेलिकॉप्टर से बाहर गिरते हुए देखा।
 
रावत का हेलिकॉप्टर पहले भी क्रैश हुआ था, बच गए थे
जनरल बिपिन रावत एक बार पहले भी हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो चुके हैं। 3 फरवरी 2015 को उनका चीता हेलिकॉप्टर नगालैंड के दीमापुर में क्रैश हुआ था। तब बिपिन रावत लेफ्टिनेंट जनरल थे।

Mi-17V5 के पायलट कौन थे?

विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान Mi-17V5 के पायलट थे, जो सीडीएस जनरल बिपिन रावत सहित 14 लोगों के साथ दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। वह 109 हेलीकॉप्टर यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर हैं।

वरुण सिंह कौन हैं?

कैप्टन वरुण सिंह हेलिकॉप्टर क्रैश में अकेले बचने वाले शख्स हैं। वरुण ने पहले भी ऐसी चुनौती का सामना किया था, साहस से जीते हैं। पिछले साल तेजस फाइटर जेट उड़ाते वक्त उन्हें बड़ी तकनीकी दिक्कत का सामना करना पड़ा था, पर उन्होंने साहस नहीं खोया और विमान को सुरक्षित लैंड कराया। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को शौर्य चक्र से नवाजा जा चुका है। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का इलाज अभी भी मिलिट्री अस्पताल में चल रहा है। वे बुरी तरह झुलस गए हैं।

हेलिकॉप्टर में कौन-कौन सवार था?

हादसे का शिकार हुए Mi-17 V5 हेलिकॉप्टर में जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका के अलावा 12 लोग और थे। चॉपर में ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार, लांंस नायक बी. साई तेजा और हवलदार सतपाल राय, जूनियर वारंट ऑफिसर प्रदीप अरक्कल, विंग कमांडर पी.एस.चौहान, जूनियर वारंट ऑफिसर राणा प्रताप दास, स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह सवार थे। 

जनरल विपिन रावत का भारतीय सेना में सफर।

जनरल बिपिन रावत भारत के पहले रक्षा प्रमुख या चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ थे। उन्होंने ने 1 जनवरी 2020 को रक्षा प्रमुख के पद का भार ग्रहण किया। इससे पूर्व वो भारतीय थलसेना के प्रमुख थे। रावत 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक थल सेनाध्यक्ष के पद पर रहे। 
 
जनरल बिपिन रावत (PVSM, UYSM, AVSM, YSM, SM, VSM, ADC) ( 16 मार्च 1958 - 8 दिसंबर 2021) भारत के पहले रक्षा प्रमुख या चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) थे। उन्होंने ने 1 जनवरी 2020 को रक्षा प्रमुख के पद का भार ग्रहण किया। रावत 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक थल सेनाध्यक्ष के पद पर रहे। वे देश के पहले  चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, यानी CDS थे।
 
अपने चार दशकों की सेवा के दौरान जनरल रावत ने एक ब्रिगेड कमांडर, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-सी) दक्षिणी कमान, सैन्य संचालन निदेशालय में जनरल स्टाफ ऑफिसर ग्रेड 2, कर्नल सैन्य सचिव और उप सैन्य सचिव के रूप में कार्य किया है। जूनियर कमांड विंग में सैन्य सचिव की शाखा और वरिष्ठ प्रशिक्षक। वह संयुक्त राष्ट्र शांति सेना का भी हिस्सा रहे हैं और उन्होंने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में एक बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड की कमान संभाली थी।

गोरखा ब्रिगेड से सीओएएस बनने वाले चौथे अधिकारी बनने से पहले रावत थल सेनाध्यक्ष बने। उन्होंने पूर्वोत्तर में आतंकवाद को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें उनके करियर का एक मुख्य आकर्षण म्यांमार में 2015 का सीमा पार ऑपरेशन था, जिसमें भारतीय सेना ने एनएससीएन-के आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर सफलतापूर्वक जवाब दिया था। यह मिशन रावत की देखरेख में दीमापुर स्थित III कोर के ऑपरेशन कमांड से चलाया गया था।

जनरल रावत 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक की योजना का भी हिस्सा थे, जिसमें भारतीय सेना नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चली गई थी। रावत नई दिल्ली में साउथ ब्लॉक से घटनाक्रम की निगरानी कर रहे थे। अपनी सेवा के दौरान, जनरल रावत को परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, विशिष्ट सेवा पदक, युद्ध सेवा पदक और सेना पदक से अलंकृत किया गया है।

सीडीएस रावत का आर्मी को मॉडर्न बनाने का प्लान।

आर्मी के हथियारों को अपग्रेड करने के लिए स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप मॉडल पर बिपिन रावत की निगरानी में ही काम चल रहा था। इस मॉडल के तहत सरकार ने प्राइवेट कंपनियों को विदेशी हथियार निर्माताओं के साथ मिलकर फाइटर जेट्स, हेलिकॉप्टर, सबमरीन और टैंकों को साझा तौर पर बनाने की अनुमति दी थी।

इस प्रोजेक्ट पर बिपिन रावत ने कहा था कि ये सशस्त्र बलों को आधुनिक बनाने में मदद करेगा। हमें धीरे-धीरे अपने टैंकों को बदलने के बारे में सोचना होगा। अपने कुछ पुराने सिस्टम को अगले सात से आठ साल में बदलना होगा। इसलिए इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने का ये सही समय है।
 
इसी साल अक्टूबर में रावत ने कहा था कि भारतीय सेना के लिए एडवांस सर्विलांस सिस्टम हमारी टॉप प्रायोरिटी है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि हमें अपनी साइबर क्षमताओं को और डेवलप करने पर फोकस करना होगा, क्योंकि हमारे दुश्मन तेजी से साइबर क्षमताओं को डेवलप कर रहे हैं।

आर्मी प्रोजेक्ट्स में देरी और भ्रष्टाचार पर भी सख्त थे बिपिन रावत।

बिपिन रावत आर्मी के प्रोजेक्ट्स में देरी और भ्रष्टाचार पर भी सख्त थे। इसे लेकर उन्होंने तीनों सैन्य प्रमुखों को पत्र भी लिखा था, जिसमें सैनिकों के लिए रेसीडेंशियल प्रोजेक्ट्स में देरी और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए थे। इस पत्र में खास तौर पर विवाहित आवास परियोजना (मैरिड अकॉमडेशन प्रोजेक्ट) के तहत किए गए कार्यों में भ्रष्टाचार पर चर्चा की गई थी। इस पत्र के बाद सैन्य प्रमुखों ने कंपनियों पर कार्रवाई भी की थी।

चीन और पाकिस्तान के बारे में विपिन रावत का बयान।

जनरल रावत ने चीन को दुश्मन नंबर 1, पाकिस्तान को दुष्ट राष्ट्र कहा था। जनरल बिपिन रावत ने कुछ महीनों पहले चीन को पाकिस्तान के मुकाबले देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया था। साथ ही जनरल रावत ने पाकिस्तान को आतंकियों को पनाह देने वाला देश बताते हुए उसे 'दुष्ट' देश बताया था। जनरल बिपिन रावत ने WION को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, 'जब आपके पास बड़ा पड़ोसी हो, जिसके पास बेहतर सेना, बेहतर तकनीक है, तो आप निश्चित तौर पर बड़े पड़ोसी के लिए तैयार होते हैं।'

जम्मू-कश्मीर में नागरिकों की हत्याओं पर हाल ही में एक इंटरव्यू में जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि चीन और पाकिस्तान घाटी में शांति भंग करने के लिए भारत के खिलाफ प्रॉक्सी वॉर कर रहे हैं।

चीन और पाकिस्तान में से कौन बड़ा खतरा, इस सवाल पर जनरल रावत ने कहा था, 'हम जानते हैं कि हमारे सामने दोनों तरफ से चुनौतियां हैं, लेकिन हमें बड़े पड़ोसी के साथ कुछ ज्यादा चिंता के साथ निपटने की जरूरत है।

पाकिस्तान के संबंध में जनरल रावत ने कहा था कि 'दूसरी तरफ आपका एक पड़ोसी है जो दुष्ट है। जबकि दूसरा पड़ोसी अभी भी निर्णय लेने में अधिक व्यावहारिक हो सकता है, इस तरफ आतंकवादी हैं जो उनके साथ काम कर रहे हैं।'

उन्होंने कहा, 'आतंकवादी कभी-कभी अधिष्ठान के नियंत्रण से बाहर हो जाते हैं और वे वास्तव में स्थिति को तनावपूर्ण कर सकते हैं। अगर कारगिल जैसी स्थिति फिर से होती है, तो पश्चिमी पड़ोसी भी एक चुनौती बन सकता है।'

जनरल बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत की भूमिका।

बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत परिवार संभालने के साथ साथ आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष भी हैं। आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन यानी (आवा) Awwa सेना के पत्नियों, बच्चों और सेना कर्मियों के आश्रितों के कल्याण के लिए काम करने वाली नोडल संस्था है। इसकी स्थापना 1966 में की गई थी जिसका उद्देश्य युद्ध में जान गंवाने वाले शहीदों की पत्नियों और आश्रितों की भलाई और सर्वागींण विकास के लिए कार्यरत है। मधुलिका रावत ने अपनी पढ़ाई दिल्ली से की और दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही मनोविज्ञान में ग्रेजुएशन किया। AWWA के अलावा मधुलिका कई तरह का सोशल वर्क करती रहती है, खासकर कैंसर पीड़ितों के लिए वो काफी सालों से सोशल वर्क कर रही हैं। Awwa के तहत मधुलिका रावत शहीदों की पत्नियों के जीवन यापन, विकास के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलवा रही थी। इसी साल आठ मार्च को महिला दिवस के मौके पर मधुलिका रावत की अगुवाई में Awwa की तरफ से सेना जल लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य था कि बॉटल पानी की विदेशी कंपनियों की बजाय देश के लोग सेना का जल खरीदें ताकि इससे एकत्र होने वाला पैसा शहीदों के बच्चों की पढ़ाई में लगाया जा सके। इतना ही नहीं शहीदों के आश्रितों के विकास के लिए मधुलिका रावत कई तरह के कार्यक्रम और अभियानों से जुड़ी हुई थी।

क्या होता है CDS का पद?

साल 2019 में केंद्र सरकार ने रक्षा मंत्रालय में 5वें विभाग के रूप में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ( of Defence Staff- CDS) और सैन्य मामलों के विभाग के निर्माण को मंजूरी दी थी, जिसके बाद जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया गया था। सेना के लिहाज ये यह बेहद ताकतवर पद माना जाता है। ऐसे में उनके हेलीकॉप्टर के दुर्घटना का शिकार होना कई थ्योरियों को जन्म दे रहा है। चलिए समझते हैं कि आखिर इस पद के पास क्या जिम्मेदारियां होती हैं।

CDS एक चार-स्टार जनरल/अधिकारी होता है जो तीनों सेनाओं (थल सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना) के मामलों में रक्षा मंत्री के चीफ मिलिट्री एडवाइजर के रूप में काम करता है। 

पीएम मोदी ने इस पद को मूलत: तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल के लिए बनाया था। इस पद के लिए पीएम की पहली पसंद शुरू से ही बिपिन सिंह रावत थे। जोकि 31 दिसंबर 2019 में रिटायर हुए थे और 31 जनवरी 2020 को उन्होंने CDS का पदभार ग्रहण किया था। CDS का पदभार ग्रहण करने के बाद किसी अन्य सरकारी पद पर नहीं रह सकते हैं।

देश के पहले सीडीएस की घोषणा।

रावत की कुशलता और तजुर्बे को देखते हुए सरकार ने उन्हें 1 जनवरी, 2020 को देश का पहला CDS नियुक्त किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में लाल किले के प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तीनों सेनाओं के अध्यक्ष के रूप में एक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) पोस्ट बनाने का एलान किया था। इससे पहले देश में CDS जैसा कोई पोस्ट नहीं था।

CDS जनरल विपिन रावत की शिक्षा।

रावत ने देहरादून में कैंबरीन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी , देहरादून से शिक्षा ली , जहां उन्हें 'सोर्ड ऑफ़ ऑनर ' दिया गया। वह फोर्ट लीवनवर्थ , यूएसए में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज , वेलिंगटन और हायर कमांड कोर्स के स्नातक भी हैं। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से डिफेंस स्टडीज में एमफिल , प्रबंधन में डिप्लोमा और कम्प्यूटर स्टडीज में भी डिप्लोमा किया है। मेरठ द्वारा डॉक्टरेट ऑफ़ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया। 2011 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से सैन्य मीडिया अध्ययन में पीएचडी। बिपिन रावत ने भारतीय सैन्य अकादमी से स्नातक उपाधि प्राप्त की है। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से रक्षा एवं प्रबन्ध अध्ययन में एम फिल की डिग्री।
 

Mi-17 हेलिकॉप्टर।

जिस हेलिकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत सवार थे, वह Mi-17 सीरीज का हेलिकॉप्टर है। इस हेलिकॉप्टर को सोवियत संघ में बनाया गया था। भारत 2012 से इसे इस्तेमाल कर रहा है। यह मीडियम ट्विन टर्बाइन हेलिकॉप्टर है, जिसमें दो इंजन होते हैं। इस हेलिकॉप्टर को ट्रांसपोर्ट और बैटल दोनों ही रोल में इस्तेमाल किया जाता है।
 
तकनीकी तौर पर Mi-17 को इसके पिछले वर्जन Mi-8 में सुधार करके डेवलप किया गया था। इस चॉपर में भारी बोझ उठाने की क्षमता है। भारत ने कारगिल युद्ध के समय पाकिस्तानी घुसपैठियों पर अटैक के लिए Mi-17 का इस्तेमाल किया था। दुश्मन की मिसाइल ने एक Mi-17 चॉपर को मार गिराया था। इसके बाद ही भारत ने अपने फाइटर जेट को हमले के लिए भेजा था। भारत में इसे VIP ट्रांसपोर्ट के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
 
पिछले महीने भी क्रैश हुआ था Mi-17, सभी 12 सवार मारे गए थे। एक महीने के अंदर देश में दूसरा Mi-17 हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ है। पिछला चॉपर 19 नवंबर को अरुणाचल प्रदेश में क्रैश हुआ था। उस घटना में चॉपर में सवार सभी 12 लोग मारे गए थे।

विपिन रावत के अंडर में कौन से बड़े प्रोजेक्ट थे?  

तीनों सेनाओं के एक साथ ऑपरेशन से लेकर स्वदेशी हथियारों की खरीद तक की जिम्मेदारी थी।
 
दिसंबर 2019 में CDS का पदभार ग्रहण करने के बाद से जनरल रावत सेना के इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड से लेकर मॉडर्नाइजेशन और स्वदेशी तकनीक पर काम कर रहे थे। वे सेना में भ्रष्टाचार और प्रोजेक्ट्स में देरी पर भी नाराजगी जाहिर कर चुके थे।

सेना के तीनों अंगों (आर्मी, नेवी और एयरफोर्स) के बीच बेहतर कोऑर्डिनेशन के लिए इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड की योजना पर काम जारी है। इसे लेकर 1 नवंबर को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत की अध्यक्षता में तीनों सेनाओं के प्रमुखों और अन्य अधिकारियों की बैठक हुई थी।

थिएटर कमांड युद्ध के मौके पर तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बनाए रखने के लिए बेहद उपयोगी होता है। यहां से बनी रणनीतियों के अनुसार ही युद्ध से जुड़ा हर फैसला लिया जाता है।
 
अभी देश में करीब 15 लाख सशक्त सैन्य बल हैं। इन्हें संगठित और एकजुट करने के लिए काफी समय से थिएटर कमांड की जरूरत महसूस की जा रही थी। फिलहाल 4 नए थिएटर कमांड बनाने की योजना पर काम चल रहा है। ये थिएटर कमांड देश की तीनों सैन्य सेवाओं की पहले से मौजूद 17 कमांड के अतिरिक्त होगी। आर्मी के पास तीन थिएटर कमांड, जबकि नेवी के पास एक कमांड की जिम्मेदारी होगी। वहीं, एयरफोर्स को एयर डिफेंस कमांड की जिम्मेदारी दी जाएगी।

Who is General Bpin Rawat (विपिन रावत कौन थे।)

दिसंबर 2019 में सरकार ने पहली बार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद बनाने की घोषणा की थी और 30 दिसंबर को जनरल बिपिन रावत (GN Bipin Rawat)  इस पद पर नियुक्त किए गए। बिपिन रावत तीनों सेनाओं के प्रमुख के इस पद पर नियुक्ति पाने वाले पहले अधिकारी थे। नेशनल डिफेंस एकेडमी और इंडियन मिलिट्री एकेडमी के छात्र रहे रावत ने साल 2016 में 27वें सेना प्रमुख के रूप में पदभार संभाला था। करीब 4 दशक लंबे करियर में रावत ने कई अहम पदों पर सेवाएं दीं।

साल 1978 में भारतीय सेना में शामिल होने वाले जनरल रावत ने 17 दिसंबर 2016 को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ का पद संभाला। उनसे पहले जनरल दलबीर सिंह सुहाग इस पद पर तैनात थे। रावत सबसे पहले 11 गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन के जवान के रूप में सेना का हिस्सा बने थे। चार दशकों की सेवा के दौरान रावत ब्रिगेडियर कमांडर, जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (GOC-C) सदर्न कमांड, मिलिट्री ऑपरेशन्स डायरेक्टोरेट में जनरल स्टाफ ऑफिसर ग्रेड, कर्नल मिलिट्री सेक्रेटरी समेत कई बड़े पदों पर रहे। वो संयुक्त राष्ट्र की पीस कीपिंग फोर्स का भी हिस्सा रहे और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो में बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड की कमान संभाली।

पूर्वोत्तर में उग्रवाद को खत्म करने में रावत ने अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने साल 2015 में म्यांमार में क्रॉस बॉर्डर ऑपरेशन का अभियान चलाया था, जिसमें भारतीय सेना ने NSCN-K के उग्रवादियों को सफलतापूर्वक जवाब दिया था। यह मिशन रावत की अगुआई में दीमापुर स्थित III कॉर्प्स के ऑपरेशन कमांड से चलाया गया था। वो साल 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक्स की योजना का हिस्सा रहे थे। सर्जिकल स्ट्राइक्स में भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कार्रवाई को अंजाम दिया था।

जनरल विपिन रावत बायोग्राफी (CDS General Biography)

जन्‍म: 16 मार्च , पौड़ी, उत्‍तराखंड, 
पैतृक निवास:  ग्राम: सैणा, डाडामंडी, ब्लॉक: द्वारीखाल, पौड़ी गढ़वाल
निधन : 8 दिसंबर 2021- कुन्‍नूर, तमिलनाडु 
सेवा वर्ष: 16 दिसम्बर 1978– 8 दिसम्बर 2021
भारत के रक्षा प्रमुख कार्यकाल-1जनवरी 2020 - 8 दिसंबर-2021
राष्ट्रीयता: भारतीय
पत्नी: मधुलिका रावत
पिता: लचु सिंह रावत 
बेटियां: कृतिका और तारिणी
स्कूल: देहरादून में कैंबरीन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल 
शिक्षा: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, ज़्यादा 
पदस्थ: रक्षा प्रमुख जनरल बिपिन रावत
पुरस्कार: परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, युद्ध सेवा पदक, सेना पदक, ऐड-डि-कैम्‍प।

सैन्य सेवाएं:
-भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से आर्मी की ट्रेनिंग पूरी की।
-राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (बीएससी)
-सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (एमफिल)
-अमेरिकी सेना कमान और जनरल स्टाफ कॉलेज (ILE)
-बिपिन रावत वेलिंगटन और हायर कमांड कोर्स भी किया।
-चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ ने पीएचडी उपाधि से सम्मानित किया।
-दिसंबर 1978 में बिपिन रावत कमीशन ऑफिसर बने।
-31 दिसंबर 2016 को जनरल रावत थलसेना प्रमुख बने।
-पूर्व आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत (61 साल की उम्र में को 2019 में देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनाए गए।
जनवरी 1979 में सेना में मिजोरम में प्रथम नियुक्ति पाई।
नेफा इलाके में तैनाती के दौरान उन्होंने बटालियन की अगुवाई की। कांगो में संयुक्त राष्ट्र की पीसकीपिंग फोर्स की भी अगुवाई की। 
01 सितंबर 2016 को सेना के उप-प्रमुख का पद संभाला।
31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख का पद।

पद और नियुक्ति की तारीख:

-सेकंड लेफ्टिनेंट- 16 दिसंबर 1978
-लेफ्टिनेंट- 16 दिसंबर 1980
-कैप्‍टन -31 जुलाई 1984
-मेजर -16 दिसंबर 1989
-लेफ्टिनेंट कर्नल – 01 जून 1998
-कर्नल – 01 अगस्त 2003
-ब्रिगेडियर -01 अक्टूबर 2007
-मेजर जनरल -20 अक्टूबर 2011
-लेफ्टिनेंट जनरल- 01 जून 2014
-जनरल (सीओएएस) 0 1 जनवरी 2017-सीडीएस – 30 दिसंबर 2019
उपाधि: General of the Indian Army.svg जनरल
सेवा/शाखा: भारतीय सेना , भाभा चंद्रप्रकाश सिंह सलाहकार
दस्ता: 5/11गोरखा राइफल्स
नेतृत्व: उप सेना प्रमुख ,
IA Southern Command.jpg दक्षिणी कमान भारत
IIIकोर
संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन: कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य
19 इन्फैंट्री डिवीजन, 5 सेक्टर राष्ट्रीय राइफल्स इन्फैंट्री बटालियन, पूर्वी सेक्टर

इनका जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में चौहान राजपूत क्षत्रिय परिवार मे हुआ। ( ये परसई/परसारा रावत है ,जो गढ़वाल के उत्तराखंड के चौहान राजपूतो की शाखा है। जनरल रावत की माताजी परमार वंश से है। इनके पुर्वज मायापुर/हरिद्दार से आकर गढवाल के परसई गांव मे बसने के कारण परसारा रावत कहलाये । रावत एक मिल्ट्री टाईटल है जो विभिन्न राजपुतो को गढवाल के शासको द्दारा दिये गये थ। वहीं उनके दादा भी ब्रिटिश आर्मी में सूबेदार पद पर थे।

बता दें कि सीडीएस बिपिन रावत उत्‍तराखंड के पौड़ी जिले के द्वारीखाल विकासखंड की ग्रामसभा बिरमोली के तोकग्राम सैणा के मूल रूप से रहने वाले थे। उनका परिवार चौहान राजपूत परिवार और उनकी मां परमार क्षत्र‍िय वंश से थीं। जनरल बिपिन रावत के पिता लक्ष्मण सिंह रावत सेना से लेफ्टिनेंट जनरल रहे हैं। वह तीसरी पीढ़ी के थे। जनरल रावत ने 1978 में सेना की 11वीं गोरखा राइफल की 5वीं बटालियन से अपना करियर शुरू किया था। उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत भी कभी इसी बटालियन का हिस्सा थे। वह सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर जाकर रिटायर हुए थे।
 
बिपिन रावत मध्य प्रदेश के दामाद थे, शहडोल जिले की सोहागपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के पूर्व विधायक कुंवर मृगेंद्र सिंह की बेटी हैं मधुलिका रावत से उनकी शादी हुई थी। विंध्य रीवा रियासत में सोहागपुर के इलाकेदार थे कुंवर मृगेंद्र सिंह।
 
परिवार हमेशा ही देश की सेवा के प्रति समर्पित रहा। वहीं, पत्नी मधुलिका रावत एक गृहिणी होने के साथ-साथ समाजसेवी भी थीं। परिवार संभालने के साथ-साथ सामाजिक कार्यक्रमों में वह बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती थीं।

जनरल बिपिन रावत और मधुलिका रावत की दो बेटियां हैं जिनमें से एक का नाम कृतिका रावत और दूसरी का नाम तारिणी है। बडी बेटी कीर्तिका की शादी हो चुकी है और फिलहाल वह मुंबई में रहती हैं। छोटी बेटी का नाम तारिणी है, जो दिल्ली हाईकोर्ट में वकील के तौर पर प्रैक्टिस कर रही हैं। दूसरी ओर, उनकी मां उत्तरकाशी से विधान सभा (एमएलए) के पूर्व सदस्य किशन सिंह परमार की बेटी थीं। जनरल बिपिन रावत के दिल में पैतृक प्रदेश उत्तराखंड के लिए विशेष प्रेम था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने रिटायरमेंट के बाद दिल्ली में रहने के बजाय देहरादून में बसने की तैयारी कर रखी थी, जहां उनका पूरा बचपन बीता था। पहले इनका परिवार रुड़की में रहता था, अब वे नोएडा शिफ्ट हो गए थे। जनरल रावत की ससुराल शहडोल के सोहागपुर गढ़ी में है। 2011- 12 में बिपिन रावत आखिरी बार शहडोल आए थे। हाल ही में उन्होंने अपने साले यशवर्धन सिंह से वादा किया था कि वो जनवरी में शहडोल आएंगे औऱ सबकी शिकायत दूर कर देंगे लेकिन उनका यह वादा अधूरा रह गया। मधुलिका रावत के छोटे भाई यशवर्धन सिंह के अनुसार 2011- 12 में बिपिन रावत आखिरी बार शहडोल आए थे। रावत की पत्नी मधुलिका सिंह रियासतदार कुंवर मृगेंद्र सिंह की मंझली बेटी थी। मधुलिका की शादी जनरल बिपिन रावत से 1985 में हुई थी। मधुलिका के पिता कांग्रेस से सोहागपुर से 1967 और 1972 में दो बार विधायक रहे। परिवार की माने तो मधुलिका 2012 में अंतिम बाद शहडोल आई थीं।

सीडीएस का पद दिए जाने से पहले वह थल सेना के 27वें अध्यक्ष थे। इससे पहले एक सितंबर 2016 को उन्हें सेना का उप प्रमुख बनाया गया था। जनरल रावत की पत्नी मधूलिका रावत भी सेना से जुड़ी हुई थीं। वह आर्मी वूमेन वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष थीं। जनरल रावत की दो बेटियां हैं. उन्हें उत्कृष्ट सेवा के लिए की पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।

अलविदा हुए विपिन रावत।

CDS जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत पंचतत्व में विलीन हो गए। दोनों बेटियों ने अपने माता-पिता का अंतिम संस्कार किया। देशभर ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी। अब उनकी अस्थियां लेकर उनकी दोनों बेटियां कृतिका और तारिणी हरिद्वार के लिए रवाना हो गई हैं। यहां गंगा घाट पर अस्थियों को मां गंगा में प्रवाहित कर दिया जाएगा। नई दिल्ली के बरार स्क्वायर में CDS जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका को बेटियों के कहने पर एक ही चिता पर मुखाग्नि दी गई। बेटियों ने पूरे रीति-रिवाज से अपने माता-पिता का अंतिम संस्कार किया। CDS रावत को 17 तोपों की सलामी दी गई। तीनों सेनाओं के अध्यक्षों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। CDS को खोने का गम हर देशवासी को है और हर आंख नम हुई। देश के कई हिस्सों में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। केरल से लेकर कश्मीर तक लोगों ने CDS को श्रद्धांजलि समर्पित की। जब CDS रावत के पार्थिव शरीर को कुन्नूर से पालम एयरपोर्ट पर लाया जा रहा था, तो लोगों ने रास्ते में फूल बरसाए। ठीक ऐसा ही नजारा दिल्ली में भी देखने को मिला। राजधानी दिल्ली में उनकी अंतिम यात्रा में लोगों ने फूल बरसाए, साथ ही लोगों ने 'जब तक सूरज चांद रहेगा, बिपिन जी का नाम रहेगा' के नारे लगाए।

CDS जनरल विपिन रावत का वीडियो।


Conclusion: पाठको हमने हादसे से जुड़ी जानकारी और उनके जीवन की शुरू से लेकर आखिरी तक के सफर को बयान किया है। आशा करता हूं कि आप सभी के लिए उपयोगी साबित होगी।
 
 


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