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कोविड का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन।

दक्षिण अफ्रीका में मिला कोरोना का नया वेरिएंट, WHO ने कोरोना के नए वेरिएंट का नाम 'ओमिक्रॉन' रखा है।

कोविड का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन।
सांकेतिक चित्र 

क्या यह वेरिएंट ज्यादा खतरनाक है? यह वेरिएंट बेहद तेजी से 30 बार म्यूटेट होता है, जो ज्यादा टेंशन की वजह है। अल्फा, बीटा और डेल्टा वेरिएंट की तुलना में यह खतरनाक तरीके से मरीजों को अपनी पकड़ में ले लेता है।

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ने एक बार फिर पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के नए रूप B.1.1529 को 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' घोषित किया है। द. अफ्रीका के बोत्सवाना में सबसे पहले मिले इस वेरिएंट को 'ओमीक्रॉन' नाम दिया है। यह तेजी से म्यूटेट होता है और यही सबसे बड़ी चिंता की बात है। वैज्ञानिकों का कहना है कि तेजी से म्यूटेशन होने की वजह से यह डेल्टा, डेल्टा प्लस और बाकी वेरिएंट से भी खतरनाक है। 

वायरस का समय के साथ बदलते जाना या म्यूटेट होना कोई असामान्य बात नहीं है। वायरस का कोई वेरिएंट तब चिंता वाला वेरिएंट (वेरिएंट ऑफ़ कंसर्न/वीओसी) बन जाता है, जब वह तेज़ी से फैलने या नुक़सान पहुंचाने की क्षमता के साथ वैक्सीन की प्रभावशीलता जैसी बातों को प्रभावित कर सकता है। इस म्यूटेशन का पहला ज्ञात संक्रमण 9 नवंबर को जमा किए गए नमूने से मिला था। हालांकि उसने कहा है कि नए वेरिएंट का प्रभाव समझने में अभी कुछ सप्ताह लगेंगे।

साइंटिफिक पैन्डेमिक इन्फ्लुएंजा मॉडलिंग ग्रुप (एसपीआई-एम) के एक सदस्य डॉ. माइक टिल्डस्ले ने शुक्रवार को बीबीसी को बताया कि दक्षिण अफ्रीका के केवल 24 फ़ीसदी लोगों का पूर्ण टीकाकरण हुआ है, ऐसे में वहां कोरोना के मामले तेज़ी से फैल सकते हैं। इस बीच अमेरिका के संक्रामक रोग प्रमुख डॉ. एंथनी फाउची ने कहा है कि नए वेरिएंट मिलने की ख़बर ने ख़तरे का संकेत दे दिया है पर कोविड वैक्सीन अभी भी इस बीमारी की गंभीरता को रोकने में सक्षम हो सकते हैं। फाउची ने सीएनएन को बताया, "जब तक ठीक से जांच नहीं हो जाती तब तक हमें नहीं पता कि यह वायरस से बचाने वाली एंटीबॉडी को मात देता है या नहीं।"

ब्रिटेन के एक शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इस नए वेरिएंट के ख़िलाफ़ वैक्सीन के प्रभावी होने की संभावना क़रीब-क़रीब कम है। हालांकि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के स्ट्रक्चरल बायोलॉजिस्ट प्रोफ़ेसर जेम्स नाइस्मिथ ने कहा है कि यह बुरी ख़बर तो है लेकिन यह क़यामत का दिन आने जैसी बात नहीं है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि यदि यह वेरिएंट अधिक तेज़ी से फैलता है तो यह ब्रिटेन तक पहुंच जाएगा। यह भी बताया कि इसके फैलने की क्षमता समझना "उतना आसान नहीं है जितना कि एमिनो एसिड के प्रभाव को।" यह कितना फैलेगा, वो इस बात पर निर्भर करेगा कि म्यूटेशन कैसे एक साथ काम करते हैं।

भारत में भी क्या नया वेरिएंट सक्रिय है?

अब तक जो जानकारी मिली है उसके अनुसार भारत में 'ओमीक्रॉन' का कोई नया मामला सामने नहीं आया है।

omicron वेरिएंट कहां से आया?

लंदन स्थित यूसीएल जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के एक वैज्ञानिक का कहना है कि कोरोना का यह वेरिएंट पहली बार कहां से आया, यह पूरी तरह से साफ नहीं है। संभवतः किसी HIV/AIDS मरीज में इम्यूनो कंप्रोमाइज्ड शख्स से क्रोनिक इन्फेक्शन हुआ होगा क्योंकि अफ्रीकी देशों में इसके कुछ मामले मिले हैं।

क्या कहना है भारतीय विशेषज्ञों का?

विशेषज्ञों का कहना है कि डेल्टा वेरिएंट से यह कितना खतरनाक है, यह जानने के लिए इस पर रिसर्च की CT जरूरत है। अब तक इसके कोई प्रमाण नहीं मिले हैं कि यह कोविड वैक्सीन को बेअसर कर सकता है या नहीं। टीके के अभाव में अफ्रीकी देशों में वैक्सीनेशन की दर कम है और यह स्ट्रेन वहीं से आने की बात कही जा रही है।

कहां कहां केस मिले हैं?

WHO को इस वेरिएंट के पहले मामले की जानकारी 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से मिली थी। इसके अलावा बोत्सवाना, बेल्जियम, हांगकांग, नामीबिया, जिम्बॉब्वे, लेसोथो, इस्वातिनी और इसराइल में भी इस वेरिएंट की पहचान हुई है और कुछ केस मिले हैं।

क्या वैक्सीन इसके खिलाफ असरदार है?

फाइजर-बायोएनटेक ने कहा है कि इस सवाल का जवाब वह अगले दो हफ्ते में दे सकेगी।

क्या फिर से उड़ानों पर असर होगा?

निश्चित रूप से हां होगा। यूनाइटेड किंगडम ने 6 अफ्रीकी देशों की फ्लाइट्स पर अस्थायी बैन लगा दिया है। पिछले 14 दिनों से साउथ अफ्रीका और अन्य अफ्रीकी देशों से आ रहे लोगों की एंट्री सिंगापुर ने सख्त कर दी है। ऑस्ट्रेलिया ने भी दक्षिण अफ्रीका से आ रहे लोगों की एंट्री पर नियम कड़े किए हैं। यूरोपीय यूनियन के 27 देशों ने अफ्रीका देशों से आ रही फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है। अमेरिका और कनाडा ने भी अफ्रीका से आ रहे लोगों को लेकर नियम सख्त कर दिए हैं।

बूस्टर डोज देने का क्या समय आ गया?

क्रिस्चियन मेडिकल कॉलेज,वेल्लोर की माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ.गगनदीप कांग ने बताया कि ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि 'ओमीक्रॉन' ज्यादा डरावना है। अगले दो हफ्ते बाद ही पता चलेगा कि इस स्ट्रेन के खिलाफ वैक्सीन कितना असरकारक साबित होगी। अफ्रीकी देशों के अलावा यह स्ट्रेन अब धीरे-धीरे दूसरे देशों में फैल रहा है। जब उन से यह पूछा गया कि क्या भारत सरकार को इंटरनेशनल ट्रैवल बैन कर देना चाहिए, तो उन्होंने कहा कि अभी इसकी जरूरत नहीं है और यह समाधान भी नहीं है। विदेश से आ रहे लोगों की ट्रैकिंग जरूरी है और उन्हें क्वारंटीन किया जाए। अब समय आ गया है कि इस वेरिएंट से लड़ने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए और बूस्टर डोज भी लोगों को दिया जाए।

नए वेरिएंट पर WHO ने क्या क्या कहा?

डब्ल्यूएचओ ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका में बी.1.1.1.529 वेरिएंट के सामने आने के बाद संक्रमण में भारी वृद्धि देखी गई है। जिससे से कई चिंता बढ़ाने वाले हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि इस वेरिएंट से संक्रमण फिर से बढ़ सकता है। यह वेरिएंट कई म्यूटेशन वाला है। दक्षिण अफ्रीका के लगभग सभी प्रांतों में इस वेरिएंट के मामले बढ़ रहे हैं। हालांकि, अभी मौजूद कोरोना (SARS-CoV-2) की जांच के तरीके से इस वेरिएंट का पता लगाया जा सकता है।

भारत सरकार के दिशा-निर्देश।

कोरोना के नए स्ट्रेन को देखते हुए भारत सरकार ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर दी है। राज्यों से कहा गया है कि वे विदेश से आ रहे सभी यात्रियों का कोविड टेस्ट जीनेम सिक्वेसिंग के लिए करवाएं। जोखिम वाले देशों की लिस्ट केंद्र सरकार ने बनाई है और वहां से आ रहे यात्रियों पर नजर रखी जा रही है। ये देश हैं- ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मारीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, हॉन्गकॉन्ग और इजरायल। जो लोग इन देशों से भारत आएंगे, उन्हें 14 दिनों तक क्वारंटीन रहना होगा और रवाना होने से 48 घंटे पहले कोविड टेस्ट रिपोर्ट देनी होगी।

भारत सरकार के स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर कहा है कि कोरोना के नए वैरिएंट के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। वीजा संबंधी और देश में आने संबंधी छूट की स्थिति में इससे देश में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें बढ़ सकती हैं। इसलिए सभी राज्य बाहर देशों से आने वाले सभी यात्रियों की सख्त जांच करें।

अमेरिका और यूरोपीय तथा अन्य देशों ने अफ्रीका की फ्लाइटों पर रोक लगाई।

कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर आ रहीं खबरों के बीच अमेरिका और यूरोपीय देशों और स्विट्ज़रलैंड ने दक्षिण अफ्रीका से आने वाली फ्लाइटों पर रोक लगा दी है। इतना ही नहीं अफ्रीका और आसपास के देश से आने वाले यात्रियों को क्वारंटीन किया जा रहा है। अमेरिकी अधिकारियों ने भी दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, जिम्बॉब्वे, नामीबिया, लेसोथो, इस्वातिनी, मोज़ाम्बिक और मलावी से आने वाली उड़ानों को रोकने का फैसला किया है। यह प्रतिबंध सोमवार से लागू हो जाएगा।  कनाडा ने भी पिछले 14 दिन में अफ्रीका से आने वाले नागरिकों का कोरोना टेस्ट कराने का फैसला किया है। जब तक इनका कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव नहीं आती, इन्हें क्वारंटीन रहना होगा।

ईरान ने भी दक्षिण अफ्रीका के साथ छह दक्षिणी अफ्रीकी देशों से आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने का एलान किया है. ब्राज़ील ने भी कहा है कि वो अफ्रीका के छह देशों से आने-जाने पर प्रतिबंध लगा रहा है। 

कोरोना के नए वेरिएंट मिलने की ख़बर से दुनिया भर के शेयर बाजारों में शुक्रवार को तेज़ गिरावट दर्ज की गई। ब्रिटेन के प्रमुख शेयरों के सूचकांक 'एफ़टीएसई 100' में क़रीब चार फ़ीसदी की गिरावट हुई। वहीं जर्मनी, फ्रांस और अमेरिका के बाज़ार भी टूट गए।

UK का क्या कहना है?

इतना ही नहीं यूके की हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) ने कोरोना के नए वेरिएंट B.1.1.529 को वेरिएंट अंडर इन्वेस्टीगेशन घोषित किया है।

यूके के स्वास्थ्य सचिव साजिद जाविद ने ट्वीट कर बताया कि UKHSA कोरोना के नए वेरिएंट की जांच कर रही है। हालांकि, अभी और डेटा की जरूरत है। लेकिन हम अभी सावधानी बरत रहे हैं। कल दोपहर से 6 अफ्रीकी देशों को रेड लिस्ट में जोड़ा जाएगा और यहां से आने वाली उड़ानों पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। इतना ही नहीं, ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों को क्वारंटीन होना होगा।

यूके ने ये कदम ऐसे वक्त पर उठाया, जब मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि द. अफ्रीका में कोरोना का नया वेरिएंट मिला है. इसे 'सीरियस कंसर्न' बताया जा रहा है। द. अफ्रीका में इस वेरिएंट से 100 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं।

दक्षिण अफ्रीका द्वारा उठाया गया कदम।

इस वैरिएंट के सामने आने के बाद दक्षिण अफ्रीका की सरकार निजी लेबोरेट्रीज के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर संक्रमित लोगों की खोजबीन कर रही है। अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि यह कितना खतरनाक है। लेकिन दक्षिण अफ्रीका के द नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्यूनिकेबल डिजीस (NICD) के मुताबिक यह संक्रामक हो सकता है।

दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री जो फाहला ने कहा है कि उनके देश से आने-जाने वाले विमानों पर लगाए गए ये प्रतिबंध "अनुचित" हैं। उन्होंने कहा कि आवाजाही पर लगाए गए ये प्रतिबंध WHO द्वारा तय मानदंडों और मानकों के पूरी तरह ख़िलाफ़ हैं।

भारत सरकार अलर्ट।

कोरोना की दूसरी लहर से सबक लेते हुए भारत सरकार भी सतर्क हो गई है और एडवाइजरी जारी की है। इसी सब हालातों पर चर्चा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने कल उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में प्रधानमंत्री को कोविड-19 संक्रमणों और मामलों पर वैश्विक स्थिति के बारे में जानकारी दी गई। अधिकारियों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि दुनिया भर के देशों ने महामारी की शुरुआत के बाद से कई बार कोविड-19 के मामलों में उछाल का अनुभव किया है।

पीएम ने कोविड -19 मामलों और पॉजिटिविटी रेट से संबंधित राष्ट्रीय स्थिति की भी समीक्षा की। अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को टीकाकरण और 'हर घर दस्तक' अभियान के तहत किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। पीएम ने निर्देश दिया कि दूसरी खुराक का दायरा बढ़ाने की जरूरत है और राज्यों को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि जिन लोगों को पहली खुराक मिली है उन्हें दूसरी खुराक समय पर दी जाए। पीएम को समय-समय पर देश में सीरो-पॉजिटिविटी और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया में इसके प्रभाव के बारे में भी जानकारी दी गई।

अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को कोरोना के नए वैरिएंट 'ओमाइक्रोन' के साथ-साथ इसके असर और विभिन्न देशों में देखे गए प्रभाव के बारे में जानकारी दी गई। बैठक में भारत पर इसके प्रभावों के बारे में भी चर्चा की गई। पीएम ने कहा कि नए खतरे को देखते हुए लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है और उचित सावधानी बरतने की जरूरत है। इसमें मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग सबसे अहम हैं। पीएम ने सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई आगमन की निगरानी की बात भी कही। दिशानिर्देशों के अनुसार बाहर देश से आने वालों की टेस्टिंग, संक्रमण झेल रहे देशों पर विशेष ध्यान देने की बात भी कही। पीएम ने अधिकारियों से अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंधों में ढील की समीक्षा करने को भी कहा।

पीएम ने निर्देश दिया है कि मानदंडों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय यात्रियों और समुदाय से जीनोम सीक्वेंसिंग के नमूने इकट्ठे किए जाएं। इनसैकोग के तहत पहले से स्थापित लैब्स के नेटवर्क और कोविड -19 प्रबंधन के लिए पहचाने गए अर्ली वार्निंग सिग्नल्स के माध्यम से टेस्टिंग की जाए। पीएम ने कोरोना के खिलाफ प्रयासों को और अधिक बढ़ाने और व्यापक बनाने की जरूरतों के बारे में कहा।

'वायरस पर जागरुकता और दवाओं के पर्याप्त बफर स्टॉक।' 

प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को राज्य और जिला स्तर पर उचित जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि उच्च मामलों की रिपोर्ट करने वाले समूहों में गहन नियंत्रण और सक्रिय निगरानी जारी रहनी चाहिए। इसके अलावा उन राज्यों को आवश्यक तकनीकी सहायता प्रदान की जानी चाहिए जो वर्तमान में अधिक मामलों की रिपोर्ट कर रहे हैं। पीएम ने यह भी कहा कि वायरस के व्यवहार के बारे में जागरूकता पैदा करने की जरूरत है।

अधिकारियों ने पीएम को बताया कि वे नए फार्मास्युटिकल उत्पादों के लिए सुविधाजनक दृष्टिकोण अपना रहे हैं। पीएम ने अधिकारियों को विभिन्न दवाओं के पर्याप्त बफर स्टॉक सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के साथ कॉर्डिनेट करने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों से बाल चिकित्सा सुविधाओं सहित चिकित्सा बुनियादी ढांचे के कामकाज की समीक्षा के लिए राज्यों के साथ काम करने को कहा। पीएम ने अधिकारियों से पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों और वेंटिलेटर के उचित कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के साथ समन्वय करने को कहा।

 

सौजन्य: विभिन्न समाचार एजेंसी के माध्यम से।

इसे भी पढ़ें: दक्षिण अफ्रीका का नया C.1.2 कोरोना     संस्करण।

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